Nepal के प्रधानमंत्री ओली ने दिया विवादित बयान ?
चीन के हनी ट्रैप मे फसे होने का अंदेशा ?
कहीं ये विवादित बयान देकर भारत मे धार्मिक भावनाओ को भड़का कर देश की छवि खराब करने की चाल तोह नहीं?
अयोध्या और श्री राम मंदिर जैसे मुद्दे जिस पर न्यायपालिका को भी न्याय करने मे 150 वर्ष लग गये उस पर विवादित बयान देकर नेपाल और भारत के लोगों के बीच विवाद खड़ा करना चाहते है ओली ?
जहाँ एक ओर भारत और नेपाल के नागरिक नहीं समझते दो देश, मानते है भारत और नेपाल एक ही देश है। अटुट हिस्सा और प्रेम है एक दूसरे से लेकिन ओली की ये बात चुभ रही है सभी को।
ये चीन की चाल का बड़ा हिस्सा भी हो सकती है ताकि देश मे तनाव बना रहे ओर न कर पाये तरक्की इसीलिये भारतियों को ऐसी बातों पर नहीं देना चाहिये ध्यान।
इस समय सभी देशवासियों को हमारे देश की इकोनॉमी को संभालने की जरूरत है और अभी भारत एक अच्छी स्थिति मे है। चीन नही चाहता कि भारत उभरे कोरोना से एवं चीन को हो रहे आर्थिक संकट से निपटने के लिये चीन चाहता है अब भारत नेपाल से उलझा रहे और चीन इसका फायदा उठा कर भारत मे निर्यात बड़ा सके।
यदि विवादित बयान से भारत मे अस्थिरता या दंगे फेलते है या गृह युद्ध छिड़ जाये तो भारत का आत्म निर्भर होने का सपना टूट जायेगा और आयात बड़ाना होगा चीन से।
इसीलिये पाकिस्तान और चीन की कई टीम कर रही है फेसबुक twitter जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर काम की धार्मिक भावनाओ को भड़का कर और देश के युवाओं को बरगला कर फेला सके नफरत का माहौल।
क्युकी भारत की एकता ही शक्ति है और असमाजिक तत्वों के द्वारा किये गये कार्यो को सोशल मीडिया मे फेलाते है जिससे आपस का भाई चारा खत्म हो सके।
सारे देश की एकता ही हमारी जीत है क्युंकि देश के कुछ नेता भी कम नही है ओली से उनके लिये बस सत्ता ही सबकुछ है कभी देश की सेना से सवाल करते है तो कभी सबूत माँगते है।
इसिलिए प्रत्येक भारतीय को आत्म निर्भर ओर सयम से काम लेने की जरूरत क्युंकि इस प्रकार आगे भी धार्मिक भावनाओ को भड़काया जायेगा।
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